बीएजेएमसी Communication Research- नोट्स हिन्दी में
Dr Ramshankar
Unit
I – Communication Research: Concepts & Theories
Topic
1: Communication Research – Meaning & Definition
मानव समाज के विकास में संचार (Communication)
ने सदैव केंद्रीय भूमिका निभाई है। भाषा के आविष्कार से
लेकर छपाई कला, रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट तक—सभी माध्यमों ने विचारों, सूचनाओं और भावनाओं के प्रवाह को तीव्र और व्यापक बनाया।
परंतु प्रश्न यह है कि क्या हम केवल संदेश भेजने और पाने की प्रक्रिया को ही
“संचार” कह सकते हैं? उत्तर
है—नहीं। संचार एक जटिल सामाजिक प्रक्रिया है, जो न केवल संदेश के आदान-प्रदान तक सीमित है बल्कि व्यक्ति
और समाज के व्यवहार, दृष्टिकोण
और मूल्यों को भी प्रभावित करता है।
यही कारण है कि संचार के व्यवस्थित, वैज्ञानिक और उद्देश्यपूर्ण अध्ययन की आवश्यकता महसूस हुई, जिसे हम Communication
Research कहते हैं।
Research
का सामान्य अर्थ और महत्व
शोध (Research) का अर्थ है—किसी विषय या समस्या का वैज्ञानिक, पद्धतिगत और वस्तुनिष्ठ अध्ययन।
- Res (फिर से) + Search
(खोजना) = पुनः खोज करना।
- Radman और Mory (The Romance of Research)
के अनुसार —
“Research
is not merely an accumulation of facts; it is a journey of curiosity,
imagination and systematic verification.”
अनुसंधान केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह जिज्ञासा और सत्यापन की वैज्ञानिक यात्रा है।
Communication
का संदर्भ
Communication
= to make common.
लैटिन शब्द Communicare से बना है, जिसका
अर्थ है to share.
- यह केवल संदेश
भेजने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि साझेदारी (sharing), पारस्परिकता (mutuality) और प्रभाव (influence)
पर आधारित है।
- संचार के घटक:
- Sender (प्रेषक)
- Message (संदेश)
- Channel (माध्यम)
- Receiver (प्राप्तकर्ता)
- Feedback (प्रतिपुष्टि)
Communication
Research की संकल्पना
Communication
Research का सीधा अर्थ है—संचार
की प्रक्रियाओं, संदेशों, माध्यमों और उनके प्रभाव का वैज्ञानिक अध्ययन।
- यह अध्ययन करता
है:
1.
संदेश
कैसे तैयार होते हैं?
2.
उन्हें
किन माध्यमों से पहुँचाया जाता है?
3.
श्रोता/दर्शक/पाठक
की प्रतिक्रिया कैसी होती है?
4.
संदेशों
का समाज पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव क्या है?
प्रमुख परिभाषाएँ (Scholars’ Definitions)
1. Wimmer
& Dominick (2006):
“Communication Research is the systematic investigation of the processes,
content, and effects of mass communication.”
2. Charles
R. Berger (1987):
“Communication research is the careful, systematic, and objective investigation
of communication phenomena for the purpose of understanding, describing,
predicting, and controlling them.”
3. Wilbur
Schramm (1963):
“Research in communication is directed towards understanding how people use
messages to create meanings and how those messages affect individuals and
societies.”
4. भारतीय परिभाषा (प्रेस आयोग,
1954):
“संचार अनुसंधान वह साधन है जिससे जनमत
निर्माण में मीडिया की भूमिका और समाज पर उसके प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता
है।”
The
Romance of Research (Radman & Mory) का दृष्टिकोण
Radman
और Mory की
यह पुस्तक अनुसंधान को “एक रोमांचक यात्रा” की तरह देखती है।
- शोध केवल डेटा
इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि प्रश्न पूछना, परिकल्पना बनाना और निष्कर्ष निकालना
है।
- इसमें शोधकर्ता
की भूमिका एक explorer
की होती है,
जो अज्ञात को ज्ञात बनाने की
कोशिश करता है।
- Communication Research पर लागू करने पर यह दृष्टिकोण बताता है कि मीडिया और
समाज के बीच संबंधों को समझना मात्र आँकड़ों का खेल नहीं है,
बल्कि यह समाज की धड़कनों को
पकड़ने की प्रक्रिया है।
Communication
Research के प्रमुख घटक
संचार अनुसंधान को गहराई से समझने के लिए इसके
मुख्य घटकों पर ध्यान देना आवश्यक है—
1.
Process (प्रक्रिया):
o संदेश किस तरह तैयार होता है, किन प्रतीकों और संकेतों का प्रयोग होता है।
o उदाहरण: चुनाव प्रचार में पार्टी किस प्रकार अपनी नीतियों
को पैकेज कर जनता तक पहुँचाती है।
2.
Content (संदेश):
o संदेश की विषयवस्तु, भाषा, संरचना
और प्रस्तुति।
o उदाहरण: टीवी विज्ञापन की भाषा और प्रतीकों का उपभोक्ता पर
प्रभाव।
3.
Medium (माध्यम):
o संदेश प्रसार के साधन—प्रिंट, रेडियो, टीवी, इंटरनेट, सोशल
मीडिया।
o प्रत्येक माध्यम की अपनी विशेषताएँ और सीमाएँ होती हैं।
4.
Audience (श्रोता/दर्शक):
o दर्शकों की पृष्ठभूमि (आयु, लिंग, शिक्षा, संस्कृति) संदेश की व्याख्या को प्रभावित करती है।
o उदाहरण: शहरी और ग्रामीण दर्शकों पर विज्ञापन का असर
अलग-अलग हो सकता है।
5.
Effect (प्रभाव):
o संदेश प्राप्त करने के बाद व्यक्ति या समाज में होने वाले
परिवर्तन।
o यह प्रभाव संज्ञानात्मक (ज्ञानात्मक), भावनात्मक या व्यवहारगत हो सकता है।
परंपरागत बनाम आधुनिक संचार अनुसंधान
1.
परंपरागत
संचार अनुसंधान (Traditional Communication Research):
o समाचार पत्र और रेडियो पर पाठक/श्रोता सर्वेक्षण।
o विज्ञापन की प्रभावशीलता का अध्ययन।
o कंटेंट एनालिसिस (Content Analysis)।
2.
आधुनिक
संचार अनुसंधान (Modern Communication Research):
o सोशल मीडिया डेटा एनालिटिक्स।
o बिग डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अध्ययन।
o मीडिया कन्वर्जेन्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म रिसर्च।
अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
1.
Harold Lasswell (1948):
o “Who
says What, in Which Channel, to Whom, with What Effect?”
o यह मॉडल ही संचार अनुसंधान की नींव बना।
2.
Paul Lazarsfeld (1940s):
o मीडिया रिसर्च में “Two-Step Flow” सिद्धांत दिया।
o उन्होंने प्री-इलेक्शन और पोस्ट-इलेक्शन अध्ययन किए।
3.
Wilbur Schramm (1960s):
o Communication
Research के संस्थापक कहे जाते हैं।
o Development
Communication और मीडिया प्रभाव अध्ययन
में बड़ा योगदान।
भारतीय परिप्रेक्ष्य
भारत में Communication Research की शुरुआत स्वतंत्रता के बाद हुई।
1.
प्रेस
आयोग (1954 और 1982):
o प्रेस की स्थिति, कार्यप्रणाली और समाज पर प्रभाव का अध्ययन।
o आयोग ने मीडिया रिसर्च को संस्थागत रूप देने की सिफारिश की।
2.
चुनाव
अध्ययन:
o भारतीय चुनाव आयोग और विभिन्न विश्वविद्यालयों ने Voter
Behaviour Studies किए।
o उदाहरण: 1971 और 1984 के
आम चुनावों में मीडिया कवरेज का मतदाताओं पर असर।
3.
विकास
संचार (Development Communication):
o SITE
(Satellite Instructional Television Experiment, 1975–76)।
o Kheda
Project (1970s) – ग्रामीण क्षेत्रों
में टीवी रिसर्च।
o Jhabua
Development Project (1990s)।
केस स्टडी (Case Studies)
1.
Election Studies (India):
o सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS)
ने चुनावी अध्ययन किए।
o पाया गया कि रेडियो और टीवी की कवरेज ग्रामीण मतदाताओं की
राय बदलने में अहम रही।
2.
Advertising Research:
o “Fair
& Lovely” विज्ञापन पर शोध ने दिखाया
कि यह उपभोक्ता की सौंदर्य दृष्टि को प्रभावित करता है।
3.
Digital Media Research:
o 2014 और 2019 के
आम चुनावों में सोशल मीडिया (Facebook, WhatsApp, Twitter) के प्रभाव पर व्यापक अध्ययन हुए।
समकालीन प्रवृत्तियाँ
1.
Social Media Analytics:
o ट्विटर हैशटैग ट्रेंड्स और फेसबुक लाइक्स का अध्ययन।
o उदाहरण: #MeToo मूवमेंट की मीडिया कवरेज।
2.
Artificial Intelligence in Research:
o Sentiment
Analysis (जनता की भावनाओं का आकलन)।
o Recommendation
Algorithms का अध्ययन।
3.
Big Data:
o लाखों लोगों के ऑनलाइन व्यवहार का विश्लेषण।
o उदाहरण: Netflix और YouTube के
recommendation
पैटर्न।
निष्कर्ष
- Communication Research का अर्थ केवल डेटा संग्रह नहीं बल्कि
मीडिया–समाज संबंध को
समझना है।
- Radman और Mory की The
Romance of Research हमें बताती है कि अनुसंधान “तथ्यों की ठंडी गिनती”
नहीं बल्कि जिज्ञासा और खोज की रोमांचक यात्रा
है।
- Wimmer & Dominick, Berger, Schramm जैसे विद्वानों ने इसे वैज्ञानिक अध्ययन की संज्ञा दी।
- भारतीय संदर्भ
में प्रेस आयोग, चुनाव अध्ययन और विकास संचार परियोजनाओं ने मीडिया रिसर्च को दिशा दी।
- आज के युग में Communication
Research डिजिटल प्लेटफॉर्म,
बिग डेटा और आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस तक पहुँच चुका है।
इस
प्रकार Communication Research: Meaning &
Definition विषय न केवल शोध का
आधार है,
बल्कि समाज को समझने का दर्पण भी है।
संदर्भ सूची
- Berger, C. R. (1987). Communication
Research and Theory. Sage Publications.
- Lasswell, H. (1948). The Structure and
Function of Communication in Society. University of Illinois Press.
- Lazarsfeld, P. F., Berelson, B., &
Gaudet, H. (1944). The People’s Choice: How the Voter Makes Up His Mind
in a Presidential Campaign. Columbia University Press.
- Radman, & Mory. (1962). The
Romance of Research. McGraw Hill.
- Schramm, W. (1963). The Science of
Human Communication. Basic Books.
- Wimmer, R. D., & Dominick, J. R.
(2006). Mass Media Research: An Introduction. Thomson Wadsworth.
- प्रेस आयोग
रिपोर्ट (1954, 1982), भारत सरकार।
- Centre for the Study of Developing
Societies (CSDS). Election Studies.
Topic 2: Importance of Communication Research
आज का युग सूचना और संचार का युग है। मीडिया केवल समाचार और
मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह
समाज का दर्पण और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। परंतु प्रश्न यह उठता है
कि क्या मीडिया वास्तव में समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है? क्या यह निष्पक्ष है? क्या विकास की समस्याओं को
पर्याप्त स्थान मिल रहा है? इन सब प्रश्नों का उत्तर केवल और
केवल Communication Research के माध्यम से ही संभव
है।
Communication Research यह समझने का प्रयास करता है कि—
- मीडिया किस
प्रकार कार्य करता है,
- उसका समाज और
व्यक्ति पर क्या प्रभाव होता है,
- और इसे किस तरह
और प्रभावी बनाया जा सकता है।
अनुसंधान का महत्व: सामान्य दृष्टि से
अनुसंधान (Research)
का महत्व इस बात में है कि यह—
1.
सत्य की
खोज (Search for Truth) करता है।
2.
समस्याओं
का समाधान देता है।
3.
नए ज्ञान
का निर्माण करता है।
4.
नीति
निर्माण और योजना बनाने में मदद करता
है।
5.
समाज के
विकास में योगदान करता है।
Communication Research क्यों ज़रूरी है?
1. मीडिया और समाज को समझने के लिए
- मीडिया समाज की
धड़कन है।
- यह जानना ज़रूरी
है कि मीडिया किस तरह समाज की राय, दृष्टिकोण और संस्कृति को प्रभावित करता है।
- उदाहरण: क्या
टीवी सीरियल समाज के पारिवारिक मूल्यों को बदलते हैं?
2. मीडिया नीति और प्रबंधन के लिए
- मीडिया
संस्थानों को यह जानना आवश्यक है कि दर्शक/पाठक क्या पसंद करते हैं।
- रिसर्च के आधार
पर कंटेंट और विज्ञापन रणनीतियाँ बनाई जाती हैं।
- उदाहरण: समाचार
चैनलों का TRP आधारित
रिसर्च।
3. लोकतंत्र और जनमत के लिए
- चुनाव में
मीडिया का प्रभाव जनमत को आकार देता है।
- रिसर्च से यह
पता चलता है कि क्या मीडिया पक्षपाती है या निष्पक्ष।
- उदाहरण: Agenda-setting theory का परीक्षण।
4. विज्ञापन और उपभोक्ता व्यवहार के लिए
- उपभोक्ता किस
विज्ञापन से प्रभावित होकर प्रोडक्ट खरीदता है?
- रिसर्च कंपनियों
को सही रणनीति बनाने में मदद करता है।
5. विकास और सामाजिक परिवर्तन के लिए
- ग्रामीण और
पिछड़े क्षेत्रों में योजनाओं का प्रभाव समझने के लिए रिसर्च आवश्यक है।
- उदाहरण: रेडियो
कार्यक्रम ‘तारों से बात’ ने ग्रामीण शिक्षा में जागरूकता फैलाई।
विद्वानों
की परिभाषाएँ और दृष्टिकोण
1.
Wilbur Schramm
(1963):
“Research in communication helps in understanding how messages are used to
inform, persuade, and entertain, and how they affect the audience.”
2.
Wimmer &
Dominick (2006):
“Communication research is important because it provides insights into how mass
media content is produced, distributed, and consumed.”
3.
Radman & Mory (The
Romance of Research):
“Research is important not because it gives immediate answers, but because it
stimulates further questions and continuous inquiry.”
The Romance of Research का योगदान
Radman और Mory ने कहा
कि—
- रिसर्च का महत्व
इस बात में है कि यह हमें नए प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करता है।
- Communication
Research का महत्व इसलिए है क्योंकि यह समाज की जटिलताओं को
समझने और बेहतर भविष्य बनाने की दिशा देता है।
Communication Research के उपयोगी क्षेत्र
1.
Media Effects
Research:
o
टीवी, रेडियो, अखबार और
इंटरनेट का समाज पर प्रभाव।
2.
Public Opinion
Studies:
o
जनता की
सोच और मत निर्माण।
o
चुनावी
सर्वे।
3.
Advertising &
Marketing:
o
विज्ञापन
का उपभोक्ता व्यवहार पर प्रभाव।
4.
Development
Communication:
o
स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास योजनाओं पर
रिसर्च।
5.
New Media Research:
o
सोशल
मीडिया का प्रभाव।
o
बिग डेटा
आधारित अध्ययन।
भारतीय परिप्रेक्ष्य में महत्व
1.
प्रेस
आयोग (1954, 1982):
o
मीडिया
पर अनुसंधान की ज़रूरत बताई।
2.
CSDS Election
Studies:
o
भारतीय
मतदाता पर मीडिया के प्रभाव का अध्ययन।
3.
SITE (1975–76) और खेडा प्रोजेक्ट:
o
ग्रामीण
संचार अनुसंधान।
समकालीन प्रवृत्तियाँ
- Big Data Analysis
- Social Media
Analytics
- AI-based Sentiment
Analysis
- Digital Campaign
Research
केस स्टडी / उदाहरण
- 2014 और
2019 लोकसभा चुनाव: सोशल मीडिया का प्रभाव।
- COVID-19 महामारी: मीडिया
कवरेज और जनजागरूकता पर रिसर्च।
- Swachh Bharat
Abhiyan: मीडिया
अभियानों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन।
सारांश
Communication Research का महत्व इस बात में
है कि यह—
- मीडिया और समाज
के रिश्ते को समझने में मदद करता है।
- लोकतंत्र और
विकास को मज़बूत बनाता है।
- विज्ञापन और
नीति निर्माण को दिशा देता है।
- और सबसे बड़ी
बात—यह शोधकर्ता और समाज को सतत जिज्ञासा और नए प्रश्न पूछने की प्रेरणा
देता है।
संदर्भ सूची
- Berger, C. R.
(1987). Communication Research and Theory. Sage Publications.
- Lazarsfeld, P. F.
(1944). The People’s Choice. Columbia University Press.
- Radman, & Mory.
(1962). The Romance of Research. McGraw Hill.
- Schramm, W. (1963). The
Science of Human Communication. Basic Books.
- Wimmer, R. D., &
Dominick, J. R. (2006). Mass Media Research. Thomson Wadsworth.
- प्रेस आयोग
रिपोर्ट (1954, 1982), भारत
सरकार।
- CSDS Election
Studies, नई दिल्ली।
Topic 3: Scientific Approach for Communication Research
संचार अनुसंधान (Communication
Research) केवल विचारों का आदान-प्रदान समझने का अध्ययन नहीं है,
बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो संदेश, माध्यम और उनके प्रभाव को वस्तुनिष्ठ रूप से परखने का अवसर देती है। यदि
शोध वैज्ञानिक दृष्टिकोण से न किया जाए तो उसके निष्कर्ष विश्वसनीय नहीं होंगे।
इसलिए Communication Research में Scientific
Approach अत्यंत आवश्यक है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Approach) की परिभाषा और
विशेषताएँ
परिभाषा:
- Kerlinger (1973): “Scientific
research is systematic, controlled, empirical and critical investigation
of hypothetical propositions about the presumed relations among natural
phenomena.”
- सरल शब्दों में, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अर्थ है किसी
भी विषय का तथ्यपरक, व्यवस्थित और
प्रमाण-आधारित अध्ययन।
विशेषताएँ:
1.
वस्तुनिष्ठता
(Objectivity)
2.
संगठित
प्रक्रिया (Systematic Procedure)
3.
अनुभवजन्य
आधार (Empirical Base)
4.
परीक्षणयोग्यता
(Testability)
5.
पुनरावृत्ति
(Replicability)
अनुसंधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता
1.
निष्कर्षों
को प्रमाणित करने के लिए।
2.
तथ्यों
और मिथकों में भेद करने के लिए।
3.
नीति और
निर्णय निर्माण में सहायता के लिए।
4.
मीडिया
प्रभाव को सही रूप में मापने के लिए।
वैज्ञानिक अनुसंधान के मूल सिद्धांत
- Objectivity: शोध में व्यक्तिगत राय या पूर्वाग्रह
की जगह वस्तुनिष्ठता आवश्यक है।
- Reliability: शोध का परिणाम दोहराने पर समान होना
चाहिए।
- Validity: शोध वही मापे जो मापने का उद्देश्य है।
- Generalizability: परिणामों को व्यापक समाज पर लागू किया
जा सके।
Communication Research में वैज्ञानिक पद्धति
के चरण
1.
Problem
Identification:
o
समस्या
को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना।
o
उदाहरण:
“क्या सोशल मीडिया चुनाव परिणामों को प्रभावित करता है?”
2.
Review of
Literature:
o
पूर्व
अध्ययनों का अध्ययन।
o
उदाहरण: Lazarsfeld के Two-Step Flow सिद्धांत।
3.
Hypothesis
Formulation:
o
परीक्षण
योग्य अनुमान।
o
जैसे:
“फेसबुक का राजनीतिक विज्ञापन युवा मतदाताओं के दृष्टिकोण को प्रभावित करता है।”
4.
Research Design:
o
सर्वे, केस स्टडी, प्रयोग
आदि का चयन।
5.
Data Collection:
o
प्रश्नावली, इंटरव्यू, अवलोकन
आदि।
6.
Data Analysis:
o
सांख्यिकीय
उपकरणों (SPSS, R, Excel) का
उपयोग।
7.
Interpretation &
Conclusion:
o
निष्कर्ष
निकालना और नए प्रश्न उठाना।
The Romance of Research (Radman & Mory) में वैज्ञानिक
दृष्टिकोण
- Radman और Mory ने कहा कि अनुसंधान का आकर्षण (Romance)
तभी सार्थक है जब वह वैज्ञानिक पद्धति से जुड़ा हो।
- उन्होंने स्पष्ट
किया कि “जिज्ञासा और कल्पना तभी ज्ञान में बदलती है जब उन्हें व्यवस्थित और
प्रमाणित ढंग से परखा जाए।”
पारंपरिक बनाम वैज्ञानिक दृष्टिकोण
- पारंपरिक
दृष्टिकोण: अनुभव और अनुमान पर आधारित।
- वैज्ञानिक
दृष्टिकोण: प्रमाण, आँकड़े
और वस्तुनिष्ठ परीक्षण पर आधारित।
विद्वानों
की परिभाषाएँ और दृष्टिकोण
1.
Berger (1987):
“Scientific approach in communication research ensures that findings are not
merely opinions but tested facts.”
2.
Schramm (1963):
“Without scientific method, communication research would remain speculative and
descriptive.”
भारतीय परिप्रेक्ष्य
- प्रेस आयोग (1954, 1982): मीडिया रिसर्च को वैज्ञानिक रूप देने पर बल दिया।
- CSDS Election
Studies: भारतीय
मतदाता पर मीडिया के प्रभाव का वैज्ञानिक अध्ययन।
- SITE और
खेडा प्रोजेक्ट: प्रयोगात्मक
और वैज्ञानिक संचार अनुसंधान के उदाहरण।
उदाहरण / केस स्टडी
1.
Lazarsfeld के चुनाव अध्ययन (1940):
o
वैज्ञानिक
सर्वे पद्धति का प्रयोग।
o
परिणाम:
मीडिया का असर सीधा नहीं बल्कि ‘Opinion Leaders’ के जरिए होता है।
2.
भारतीय
चुनाव और मीडिया रिसर्च:
o
CSDS ने
सर्वेक्षण और डेटा विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिक परिणाम निकाले।
3.
सोशल
मीडिया एल्गोरिदम रिसर्च:
o
2019 लोकसभा
चुनाव में फेसबुक और व्हाट्सऐप कैंपेन का वैज्ञानिक अध्ययन।
समकालीन प्रवृत्तियाँ
- Big Data Analytics: करोड़ों ऑनलाइन डेटा का विश्लेषण।
- AI और Machine
Learning: भावनात्मक
विश्लेषण (Sentiment Analysis)।
- Digital Experiments: ऑनलाइन कंटेंट का A/B Testing।
सारांश
Scientific Approach के बिना Communication
Research अपूर्ण है।
- यह शोध को
वस्तुनिष्ठ और प्रमाणिक बनाता है।
- नीति, शिक्षा, विज्ञापन,
राजनीति और विकास में सही दिशा देता है।
- Radman और Mory की The Romance of Research
इस बात पर ज़ोर देती है कि शोध का रोमांच तभी सार्थक है जब वह वैज्ञानिक
और वस्तुनिष्ठ हो।
निष्कर्षतः,
Scientific Approach Communication Research का आधार और आत्मा है।
संदर्भ सूची
- Berger, C. R.
(1987). Communication Research and Theory. Sage Publications.
- Kerlinger, F. N.
(1973). Foundations of Behavioral Research. Holt, Rinehart and
Winston.
- Lazarsfeld, P. F.,
Berelson, B., & Gaudet, H. (1944). The People’s Choice.
Columbia University Press.
- Radman, & Mory.
(1962). The Romance of Research. McGraw Hill.
- Schramm, W. (1963). The
Science of Human Communication. Basic Books.
- Wimmer, R. D., &
Dominick, J. R. (2006). Mass Media Research. Thomson Wadsworth.
- प्रेस आयोग
रिपोर्ट (1954, 1982), भारत
सरकार।
- CSDS Election
Studies, नई दिल्ली।
Topic 4: Communication Research in India – Growth &
Trends
भारत एक विशाल और बहुसांस्कृतिक समाज है। यहाँ भाषा, संस्कृति, धर्म,
वर्ग और जाति की विविधता इतनी व्यापक है कि संचार अनुसंधान की
आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। संचार माध्यमों ने भारतीय लोकतंत्र, विकास और सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन माध्यमों
की प्रकृति, प्रभाव और कार्यप्रणाली को समझने के लिए भारत
में Communication Research का विकास हुआ।
भारत में संचार अनुसंधान की प्रारंभिक पृष्ठभूमि
1. स्वतंत्रता से पूर्व
- ब्रिटिश शासन के
दौरान प्रेस और जनमत पर कुछ अध्ययन हुए।
- ज़्यादातर
अध्ययन राजनीतिक प्रचार और राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े थे।
2. स्वतंत्रता के बाद
- 1947 के
बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया की भूमिका बढ़ी।
- सरकार ने मीडिया
अनुसंधान को संस्थागत स्वरूप दिया।
- 1954 में
प्रथम प्रेस आयोग बना जिसने मीडिया रिसर्च की आवश्यकता बताई।
प्रेस आयोग (1954 और 1982) की भूमिका
1.
प्रथम
प्रेस आयोग (1954):
o
भारतीय
प्रेस की स्थिति का मूल्यांकन।
o
मीडिया
रिसर्च को आवश्यक माना।
2.
द्वितीय
प्रेस आयोग (1982):
o
मीडिया
की सामाजिक जिम्मेदारी पर बल।
o
विश्वविद्यालयों
में पत्रकारिता शिक्षा और रिसर्च की सिफारिश।
प्रारंभिक संस्थागत विकास
- भारतीय जनसंचार
संस्थान (IIMC): मीडिया रिसर्च का केंद्र।
- प्रसार भारती और
दूरदर्शन: दर्शक अनुसंधान
इकाइयाँ।
- विश्वविद्यालय: दिल्ली, जामिया मिल्लिया, पुणे, मद्रास,
मणिपाल आदि में संचार अनुसंधान।
भारत में Communication
Research के मुख्य क्षेत्र
1.
जनमत और
चुनाव अध्ययन (Public Opinion &
Election Studies):
o
CSDS (Centre for the
Study of Developing Societies) ने चुनाव और मतदाता व्यवहार पर शोध
किया।
o
मीडिया
कवरेज का मतदाता पर प्रभाव।
2.
विकास
संचार (Development Communication):
o
1975–76 का SITE
प्रयोग।
o
Kheda Project (गुजरात) – ग्रामीण टीवी रिसर्च।
3.
विज्ञापन
और उपभोक्ता अनुसंधान:
o
विज्ञापनों
का उपभोक्ता की सोच पर असर।
o
FMCG कंपनियों
द्वारा सर्वेक्षण।
4.
जनसंपर्क
और प्रचार अध्ययन:
o
सरकारी
योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन।
o
उदाहरण:
पोलियो उन्मूलन अभियान।
5.
सामाजिक-सांस्कृतिक
अनुसंधान:
o
टीवी
सीरियल और फिल्मों का समाज पर प्रभाव।
o
सोशल
मीडिया के सांस्कृतिक असर।
प्रमुख प्रवृत्तियाँ (Trends)
- 1950–60: प्रेस और पत्रकारिता अध्ययन।
- 1970: विकास संचार (SITE, Kheda)।
- 1980: दूरदर्शन रिसर्च।
- 1990: उदारीकरण और मीडिया बाज़ार रिसर्च।
- 2000 के
बाद: डिजिटल और सोशल
मीडिया रिसर्च।
विद्वानों के दृष्टिकोण
- Wilbur Schramm: भारत में विकास संचार रिसर्च को बढ़ावा
दिया।
- Lazarsfeld: सर्वे पद्धति से चुनाव अध्ययन।
- भारतीय विद्वान: Y.V.L. Narsimha Rao, N. Bhaskar Rao आदि
ने मीडिया रिसर्च में योगदान दिया।
भारतीय परिप्रेक्ष्य में चुनौतियाँ
1.
वित्तीय
कमी
2.
संस्थागत
अवसंरचना का अभाव
3.
प्रशिक्षित
शोधकर्ताओं की कमी
4.
तकनीकी
संसाधनों की कमी
समकालीन प्रवृत्तियाँ (Trends in 21st Century)
- Big Data Research: सोशल मीडिया से डाटा संग्रह।
- AI Research: Sentiment Analysis।
- Election Analytics: चुनाव पूर्व और पश्चात सर्वे।
- Digital Marketing
Research: उपभोक्ता
विश्लेषण।
केस स्टडी
1.
SITE (1975–76):
o
2400 गाँवों
में टीवी के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम।
2.
Kheda Project:
o
ग्रामीण
दर्शकों पर टीवी रिसर्च।
3.
Jhabua Development
Project (1990s):
o
ग्रामीण
विकास और मीडिया प्रभाव।
4.
2014 और
2019 लोकसभा चुनाव:
o
सोशल
मीडिया और डिजिटल प्रचार पर रिसर्च।
The Romance of Research का भारतीय संदर्भ
Radman और Mory ने
रिसर्च को “रोमांचक यात्रा” कहा।
भारतीय संदर्भ में यह यात्रा और भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यहाँ
समाज विविधताओं से भरा है।
भारत में Communication
Research का महत्व इसी में है कि यह लोकतंत्र, विकास और सामाजिक न्याय की प्रक्रिया को गहराई से समझने का अवसर देता है।
सारांश
भारत में Communication
Research का विकास औपनिवेशिक दौर से लेकर डिजिटल युग तक कई चरणों से
गुज़रा है।
- प्रेस आयोग ने
नींव रखी।
- SITE और
Kheda ने प्रयोगात्मक रिसर्च की दिशा दिखाई।
- CSDS और
अन्य संस्थानों ने चुनाव और जनमत अध्ययन को संस्थागत किया।
- आज का दौर Big Data, AI और Digital
Analytics का है।
निष्कर्षतः,
Communication Research ने भारत में लोकतंत्र, विकास और सामाजिक परिवर्तन को गहराई से प्रभावित किया है।
संदर्भ सूची
- Bhaskar Rao, N.
(1985). Mass Communication Research in India.
- CSDS Election
Studies. (Various Years).
- Ministry of
Information & Broadcasting, Government of India. Press Commission
Reports (1954, 1982).
- Radman, & Mory.
(1962). The Romance of Research. McGraw Hill.
- Schramm, W. (1963). The
Science of Human Communication. Basic Books.
- Wimmer, R. D., &
Dominick, J. R. (2006). Mass Media Research. Thomson Wadsworth.
- Y.V.L. Narsimha Rao
(2000). Communication and National Development.
Topic 5: Nature, Scope & Relation with Communication
Theories
Communication Research केवल डेटा एकत्र करने
की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज और मीडिया के बीच गहरे
संबंध को समझने का साधन है। इसका स्वरूप बहु-विषयक है और क्षेत्र इतना व्यापक है
कि इसमें राजनीति, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान,
अर्थशास्त्र और सूचना प्रौद्योगिकी सभी शामिल हैं। इसके साथ ही Communication
Research का गहरा संबंध Communication Theories से है, क्योंकि सिद्धांत (theories) हमें घटनाओं को समझने का ढाँचा (framework) देते हैं
और अनुसंधान (research) इन सिद्धांतों को प्रमाणित या खारिज
करता है।
Communication Research का स्वरूप (Nature)
1.
वस्तुनिष्ठ
(Objective):
o
निष्कर्ष
शोधकर्ता की राय पर नहीं बल्कि प्रमाणों पर आधारित होते हैं।
2.
वैज्ञानिक
(Scientific):
o
व्यवस्थित
और परीक्षण योग्य विधियाँ प्रयोग की जाती हैं।
3.
बहु-विषयक
(Interdisciplinary):
o
इसमें
समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र आदि शामिल हैं।
4.
गतिशील
और सामाजिक (Dynamic & Social):
o
मीडिया
लगातार बदल रहा है, इसलिए
रिसर्च भी बदलता है।
5.
अनुप्रयोगात्मक
(Applied):
o
विज्ञापन, नीतिनिर्माण, विकास
योजनाओं में सीधे प्रयोग।
Communication Research का क्षेत्र (Scope)
1.
मीडिया
प्रभाव अध्ययन (Media Effects):
o
समाचार, विज्ञापन और मनोरंजन का समाज पर प्रभाव।
2.
विज्ञापन
और मार्केटिंग रिसर्च:
o
उपभोक्ता
व्यवहार।
3.
जनमत और
चुनाव अध्ययन:
o
मीडिया
कवरेज का मतदाताओं पर असर।
4.
विकास
संचार:
o
स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण
विकास।
5.
डिजिटल
और सोशल मीडिया रिसर्च:
o
Twitter, Facebook,
WhatsApp campaigns।
6.
सांस्कृतिक
और समाजशास्त्रीय अनुसंधान:
o
टीवी और
फिल्मों का सांस्कृतिक प्रभाव।
विद्वानों के दृष्टिकोण
- Wimmer &
Dominick (2006):
Communication Research का क्षेत्र सामग्री (content), दर्शक (audience) और प्रभाव (effect) तक फैला है। - Wilbur Schramm
(1963):
Communication Research वह प्रक्रिया है जो बताती है कि संदेश किस प्रकार व्यक्तियों और समाज को प्रभावित करते हैं। - Berger (1987):
Communication Research का स्वरूप बहु-विषयक है और यह सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है।
The Romance of Research का योगदान
Radman और Mory ने कहा कि अनुसंधान का रोमांच इसमें है कि
यह हमें नए प्रश्न पूछने और नए दृष्टिकोण खोजने को प्रेरित करता है।
Communication Research का स्वरूप और क्षेत्र इतना व्यापक है कि यह
किसी एक विधा तक सीमित नहीं रह सकता।
Communication Theories और Research का संबंध
1.
Lasswell’s Model
(1948):
o
Who says What, in Which
Channel, to Whom, with What Effect?
o
Communication Research इस मॉडल को प्रमाणित करने का कार्य करता है।
2.
Two-Step Flow Theory
(Lazarsfeld, 1944):
o
मीडिया
का प्रभाव Opinion Leaders के
माध्यम से पहुँचता है।
o
इसे
चुनावी रिसर्च से सिद्ध किया गया।
3.
Uses &
Gratifications Theory:
o
लोग
मीडिया क्यों और कैसे चुनते हैं।
o
रिसर्च
दर्शाती है कि दर्शक सक्रिय होते हैं।
4.
Agenda-Setting
Theory (McCombs & Shaw, 1972):
o
मीडिया
यह तय करता है कि जनता किन मुद्दों पर सोचे।
o
रिसर्च
के ज़रिए समाचार एजेंडा का प्रभाव मापा गया।
5.
Cultivation Theory
(Gerbner):
o
टीवी
लंबे समय तक देखने से सामाजिक दृष्टिकोण प्रभावित होते हैं।
6.
Diffusion of
Innovation (Everett Rogers, 1962):
o
नई तकनीक
और विचार समाज में कैसे फैलते हैं।
भारतीय संदर्भ
- प्रेस आयोग (1954, 1982): रिसर्च को संस्थागत बनाने की सिफारिश।
- CSDS Election
Studies: भारतीय
लोकतंत्र में मीडिया का अध्ययन।
- SITE (1975–76),
Kheda Project और Jhabua Project: विकास संचार अनुसंधान के उदाहरण।
समकालीन प्रवृत्तियाँ
- Big Data Analytics: लाखों ट्वीट और पोस्ट का अध्ययन।
- AI और Machine
Learning: भावनात्मक
विश्लेषण।
- Network Theory: सोशल नेटवर्क के प्रभाव का अध्ययन।
केस स्टडी
1.
2014 और
2019 लोकसभा चुनाव:
o
सोशल
मीडिया का मतदाता पर प्रभाव।
2.
Swachh Bharat
Campaign:
o
मीडिया
अभियानों की सफलता पर रिसर्च।
3.
COVID-19 महामारी:
o
मीडिया
की भूमिका और गलत सूचना (Fake News) पर
अध्ययन।
सारांश और निष्कर्ष
Communication
Research का स्वरूप वैज्ञानिक, वस्तुनिष्ठ और
बहु-विषयक है। इसका क्षेत्र व्यापक है—मीडिया प्रभाव, चुनाव,
विज्ञापन, विकास, डिजिटल
मीडिया और सांस्कृतिक अध्ययन तक।
Communication Theories और Research का गहरा
संबंध है। सिद्धांत हमें ढाँचा देते हैं, और रिसर्च उन्हें
परखती और विकसित करती है।
निष्कर्षतः, Communication Research समाज को
समझने, बदलने और सुधारने का एक शक्तिशाली साधन है।
संदर्भ सूची
- Berger, C. R.
(1987). Communication Research and Theory. Sage Publications.
- Gerbner, G. (1976). Living
with Television: The Cultivation Process.
- Lazarsfeld, P. F.,
Berelson, B., & Gaudet, H. (1944). The People’s Choice.
Columbia University Press.
- McCombs, M., &
Shaw, D. (1972). The Agenda-Setting Function of Mass Media. Public
Opinion Quarterly.
- Radman, & Mory.
(1962). The Romance of Research. McGraw Hill.
- Rogers, E. M.
(1962). Diffusion of Innovations. Free Press.
- Schramm, W. (1963). The
Science of Human Communication. Basic Books.
- Wimmer, R. D., &
Dominick, J. R. (2006). Mass Media Research. Thomson Wadsworth.
- प्रेस आयोग
रिपोर्ट (1954, 1982), भारत
सरकार।
- CSDS Election
Studies, नई दिल्ली।
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